Yoga removes negativity
योग भारतीय प्राचीन संस्कृति की परम्पराओं को समाहित करता है। भारत देश में योग का प्राचीन समय से ही अहम स्थान है। पतंजली योग दर्शन में कहा गया है कि- योगश्चित्तवृत्त निरोधः अर्थात् चित्त की वृत्तियों का निरोध ही योग है। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो ह्रदय की प्रकृति का संरक्षण ही योग है। जो मनुष्य को समरसता की और ले जाता है। योग मनुष्य की समता और ममता को मजबूती प्रदान करता है। यह एक प्रकार का शारारिक व्यायाम ही नहीं है बल्कि जीवात्मा का परमात्मा से पूर्णतया मिलन है। योग शरीर को तो स्वस्थ्य रखता है ही इसके साथ-साथ मन और दिमाग को भी एकाग्र रखने में अपना योगदान देता है। योग मनुष्य में नये-नये सकारात्मक विचारों की उत्पत्ति करता है। जो कि मनुष्य को गलत प्रवृति में जाने से रोकते हैं। योग मन और दिमाग की अशुद्धता नकारात्मकता को बाहर निकालकर फेंक देता है। साथ-साथ योग से मनुष्य के अन्दर की नकारात्मकता खत्म होती है। योग व्यक्तिगत चेतना को मजबूती प्रदान करता है।
● योग मानसिक नियंत्रण का भी माध्यम है। हिन्दू धर्म, बौध्द धर्म और जैन धर्म में योग को आध्यात्मिक दृष्टि से देखा जाता है। योग मन और दिमाग को तो एकाग्र रखता है ही साथ ही साथ योग हमारी आत्मा को भी शुध्द करता है। योग मनुष्य को अनेक बीमारियों से बचाता है और योग से हम कई बीमारियों का इलाज भी कर सकते हैं। असल में कहा जाए तो योग जीवन जीने का माध्यम है।
● श्रीमद्भागवत गीता में कई प्रकार के योगों का उल्लेख किया गया है। भगवद गीता का पूरा छठा अध्याय योग को समर्पित है। इस मे योग के तीन प्रमुख प्रकारों के बारे में बताया गया है। इसमें प्रमुख रूप से कर्म योग, भक्ति योग और ज्ञान योग का उल्लेख किया गया है। कर्म योग- कार्य करने का योग है। इसमें व्यक्ति अपने स्थिति के उचित और कर्तव्यों के अनुसार कर्मों का श्रद्धापूर्वक निर्वाह करता है। भक्ति योग- भक्ति का योग। भगवान् के प्रति भक्ति । इसे भावनात्मक आचरण वाले लोगों को सुझाया जाता है। और ज्ञान योग- ज्ञान का योग अर्थात ज्ञान अर्जित करने का योग। भगवत गीता के छठे अध्याय में बताये गए सभी योग जीवन का आधार हैं। इनके बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। भगवद्गीता में योग के बारे में बताया गया है कि – सिद्दध्यसिद्दध्यो समोभूत्वा समत्वंयोग उच्चते। अर्थात् दुःख-सुख, लाभ-अलाभ, शत्रु-मित्र, शीत और उष्ण आदि द्वन्दों में सर्वत्र समभाव रखना योग है। दुसरे शब्दों में कहा जाए तो योग मनुष्य को सुख-दुःख, लाभ-अलाभ, शत्रु-मित्र, शीत और उष्ण आदि परिस्थितिओं में सामान आचरण की शक्ति प्रदान करता है। भगवान् श्रीकृष्ण ने गीता में एक स्थल पर कहा है ‘योगः कर्मसु कौशलम’ अर्थात योग से कर्मो में कुशलता आती हैं। वास्तव में जो मनुष्य योग करता है उसका शरीर, मन और दिमाग तरोताजा रहता है। और मनुष्य प्रत्येक काम मन लगाकर करता है।
‘सूर्य नमस्कार’ व ‘ओम’ उच्चारण का कुछ संगठन विरोध करते रहे हैं। असल में कहा जाए तो ‘ओम’ शब्द योग के साथ जुड़ा हुआ है। इसे विवाद में तब्दील करना दुर्भागयपूर्ण है। लेकिन इसे हर किसी पर थोपा भी नहीं जा सकता। इसलिए योग करते समय लोगों को ‘ओम’ उच्चारण को अपनी धार्मिक मान्यता की आजादी के अनुसार प्रयोग करना चाहिए। अगर किसी का धर्म ओम उच्चारण की आजादी नहीं देता तो उन्हें बिना ओम जाप के योग करना चाहिए। लेकिन योग को किसी एक धर्म से जोडकर विवाद पैदा नहीं करना चाहिए। आज के समय में योग को भारत के जन-जन तक योग को पहुँचाने में अनेकों महापुरुषों का अहम् योगदान है। इनके योग के क्षेत्र में योगदान की वजह से ही आज भारत के घर-घर में प्रतिदिन योग होता है।
भगवद्गीता के अनुसार – तस्माद्दयोगाययुज्यस्व योगः कर्मसु कौशलम। अर्थात् कर्त्व्य कर्म बन्धक न हो, इसलिए निष्काम भावना से अनुप्रेरित होकर कर्त्तव्य करने का कौशल योग है। योग को सभी लोगों को सकारात्मक भाव से लेना चाहिए। कोई भी धर्म-सम्प्रदाय योग की मनाही नहीं करता। इसलिए लोगों को योग को विवाद में नहीं घसीटना चाहिए। योग बुध्दि कुशग्र बनाता है और संयम बरतने की शक्ति देता है। योग की जितनी धार्मिक मान्यता है। उतना ही योग स्वस्थ्य शरीर के लिए जरूरी है। योग से शरीर तो स्वस्थ्य रहता है ही साथ ही साथ योग चिंता के भाव को कम करता है। और मनोबल भी मजबूत करता है। योग मानसिक शान्ति प्रदान करता है और जीवन के प्रति उत्साह और ऊर्जा का संचार करता है। योग मनुष्य में सकारात्मकता तो बढाता है ही, साथ ही साथ शरीर की प्रतिरोधक क्षमता भी बढाता है। इसलिए लोगों को इस तनाव भरे जीवन से मुक्ति पाने के लिए योग करना चाहिए। और दूसरे लोगों को भी प्रेरित करना चाहिए। जिससे कि अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ मिल सके।
Yoga vs Gym
प्रतिष्ठित मैनेजमेंट कॉलेज आईआईएम की पत्रिका विकल्प में 2010 में योग पर एक लेख छपा था |
लेख में कहा गया है कि योग,शारीरिक व्यायाम से ज्यादा बेहतर है,योग करने वालों पर तनाव हावी नहीं होता है|
एक्सरसाइज करने वालों के साथ उल्टा होता है|
आईआईएम अहमदाबाद की पत्रिका विकल्प में छपा यह लेख एक निजी कंपनी के 84 अधिकारियों पर किए गए शोध पर आधारित है,शोध में ग्रासिम इंडस्ट्रीज के 84 अधिकारियों दो समूहों में बांटा गया,42 एक तरफ, 42 दूसरी तरफ|
एक ग्रुप को रोज 75 मिनट योग कराया गया.
दूसरे ग्रुप को इतने ही समय प्रतिदिन मशीनी और दूसरी तरह के शारीरिक व्यायाम कराए गए|शोध से पहले सभी प्रतिभागियों का ब्लड प्रेशर, शुगर और बॉडी मास इंडेक्स नापा गया. महीने भर तक चले प्रयोग के बाद आए नतीजों में योग हर तरह से व्यायाम पर भारी पड़ा.गुजरात के शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव हंसमुख अधिया कहते हैं, ''योग करने वाले समूह के तनाव का स्तर काफी गिर चुका था जबकि शारीरिक व्यायाम करने वालों के तनाव का स्तर बढ़ा.दफ्तर में उनकी मानसिक स्थिति पहले से ज्यादा तनावपूर्ण हो गई.''
शोध के मुताबिक बीमारियों की जड़ अक्सर दफ्तर से शुरू होती है.ऑफिस के तनाव का मानसिक और शारीरिक व्यवहार पर नकारात्मक असर पड़ता है.धीरे धीरे इसकी वजह से जीवनशैली बदलने लगती है और ब्लड प्रेशर, डिप्रेशन और शुगर जैसी बीमारियां होने लगती हैं.विकल्प के मुताबिक तनाव संबंधी बीमारियों के चलते हर साल अमेरिकियों को 300 अरब डॉलर इलाज पर खर्चने पड़ते हैं.
भारत के दफ्तरों में काम का तनाव कुछ कम नहीं है. योग से दफ्तर के तनाव को जोड़कर किया गया यह पहला शोध है. आईआईएम अहमदाबाद ने भारत के कॉरपोरेट जगत को सलाह दी है कि पैसे की खनखनाहट के बीच उन्हें योग की शांति में भी जाना चाहिए.
शोध में यह बात सामने आई कि आज कंपिनयों में कर्मचारी और अधिकारी जॉब बर्न आउट एवं तनाव से व्यापक रूप से प्रभावित हैं,जिसका दुष्परिणाम यह है कि कंपनी की उत्पादन क्षमता और गुणवत्ता में गिरावट आती है,किसी भी संस्था,आफिस,कंपनी या कॉर्पोरेट जगत में कार्यरत लोग यदि मानसिक रूप से रुग्ण होंगे तो उनका शारीरिक स्वास्थ्य भी प्रभावित होगा जिससे वो अपना पूर्ण योगदान नहीं दे पाएंगे| परिणामस्व उनकी निर्णय लेनी की क्षमता,कार्य के प्रति दूरगामी सोच,भावी योजना का क्रियान्वयन, अपने अधिनस्थ कर्मचारियों के साथ सवांद,कार्य के प्रति निष्ठा एवं ईमानदारी आदि आदि पर परोक्ष या अपरोक्ष प्रभाव पड़ेगा |
दूसरे ऐसे लोंगों का पारिवारिक जीवन भी प्रभावित होगा क्योंकि ये लोग कार्यलय में उपजी बीमारी से घर पर भी नहीं बच पाएंगे जिससे इनका घर पर किया आचरण इनकी धीरे धीरे खुशियों में ग्रहण लगाना शुरू कर देगा |
आईये योग विज्ञान को अपनी रोजाना की दिनचर्या में शामिल करके एक स्वस्थ, खुशहाल एवं प्रगतिशील राष्ट्र का निर्माण करने का संकल्प लेते हैं,कम से कम आधा घंटा तो अवस्य इस योग विधा से अपने को जोड़ने का नेक एवं पूण्य कर्म करने का नियम तो लेना ही होगा तब निश्चित रूप से घर,समाज और राष्ट्र स्वास्थ्य की पावन धारा से सिंचित होकर योग विज्ञान को एक बहुआयामी हथियार की तरह अपने जीवन का अभिन्न अंग बनाना सीख जाएंगे |
सर्वे भवन्तु सुखिनः।
सर्वे सन्तु निरामयाः।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु।
मा कश्चित् दुःख भाग्भवेत्॥
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः॥
World is always uncertain
जब तुम चेतना की निश्चितता को समझ लेते हो, तब तुम संसार की अनिश्चितता के साथ आराम से रह सकते हो। प्रायः व्यक्ति इसका बिल्कुल विपरीत करते हैं। वे संसार के प्रति तो निश्चित रहते हैं पर ईश्वर के प्रति अनिश्चित रहते हैं। जो अविश्वसनीय है, उस पर वे विश्वास करते हैं और फिर दुःखी हो जाते हैं।
अनिश्चितता स्थिरता के लिए लालसा पैदा करती है और इस संसार में परम स्थायी है- आत्मा।
संसार परिवर्तनशील है, आत्मा अपरिर्वतनशील। तुम्हें अपरिवर्तनशीलता पर विश्वास रखना है और परिवर्तन को स्वीकार करना है। यदि तुम निश्चित हो कि सब-कुछ 'अनिश्चित' है, तब तुम मुक्त हो। अज्ञानता के कारण अनिश्चितता, तनाव और चिंता लाती है।
सजगता के साथ अनिश्चितता, चेतना की उन्नत अवस्था और एक अटल मुस्कान लाती है !
#संसार
What is Yoga ?
Question - Gurudev, what is Yoga and how is a Yogi different from a common man/woman?
Gurudev Sri Sri Ravi Shankar ji - Yoga is being established in your own nature. Pleasure always keeps you on your toes, it makes you run. First pleasure makes you run towards it and then it makes you run away from it. Yoga on the other hand makes you stay stable. It brings stability to your life. A yogi is one who is strong and stable in his body, mind and emotions. This is very important. If your emotions keep going up and down it is because you are running towards something. And what is that something that you are running towards? It is pleasure, and once you are there, it makes you run away from it. You can see in your life, whatever you ran towards, at some point or other, it pushes you away from it because you cannot handle it anymore. So all the people who at some point of time feel that ‘I want to run away’, you should know that it is because you are enjoying it. When you are enjoying something, you will definitely want to run away from it. So if you change that attitude of your mind from seeking pleasure to just being stable, then nothing becomes too much. You should feel, ‘I am here to give comfort to others, not seek comfort’. This one attitude will arrest that tendency of ‘Oh, this is too much, I want to run away’. Only enjoyment of pleasure will make you feel, ‘It is too much’. When you are stable, you always give what you can. The Sun never says, ‘I am shining too much and now I want to run away’. Gold never says, ‘I am glittering too much’, because it is stable in its nature. It has not gone out of its niche.
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ਮੁੱਖ ਪੰਨਾ @ ਯੋਗਾਨੁਰਾਗ
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ਅੱਜ ਦੀ ਤਣਾਅ ਭਰੀ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਵਿਚ ਯੋਗਾ ਇੰਨਾ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਹੈ. ਅੱਜ ਹਰ ਕੋਈ ਯੋਗਾ ਦੇ ਫਾਇਦਿਆਂ ਤੋਂ ਜਾਣੂ ਹੈ. ਕਿਉਂਕਿ ਇਹ ਨਾ ਸਿਰਫ ਤੰਦਰੁਸਤ ਸਰੀਰ ਰੱਖਣ ਵਿਚ ਸਹਾਇਤਾ ਕਰਦਾ ਹੈ ਬਲਕਿ ਮਨ ਵਿਚ ਸ਼ਾਂਤੀ ਅਤੇ ਸੰਤੁਲਨ ਲਿਆਉਂਦਾ ਹੈ. ਜੋ ਅੱਜ ਦੀ ਜਿੰਦਗੀ ਵਿੱਚ ਇੰਨਾ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਹੈ, ਜਿਥੇ ਲੋਕਾਂ ਵਿੱਚ ਗੰਦੀ ਜੀਵਨ ਸ਼ੈਲੀ, ਆਰਥਿਕ ਅਤੇ ਹਾਣੀਆਂ ਦੇ ਦਬਾਅ, ਜੰਕ ਫੂਡ ਅਤੇ ਸਮੇਂ ਦੀ ਘਾਟ ਕਾਰਨ ਬਹੁਤ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹਮਲਾ, ਤਣਾਅ, ਤਣਾਅ ਹੁੰਦਾ ਹੈ.
ਯੋਗ: ਚਿਤ ਦਰਸਨ ਨਿਵਾਰਣ:॥ ਯੋਗ ਸਰੀਰਕ ਲਾਭ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਤੁਹਾਡੇ ਮਨ ਨੂੰ ਸੁਲਝਾਉਣ ਵਿਚ ਸਹਾਇਤਾ ਕਰਦਾ ਹੈ. ਤੁਸੀਂ ਯੋਗਾ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਆਪਣੀ ਪਿੱਠ ਦਰਦ ਤੋਂ ਛੁਟਕਾਰਾ ਪਾਉਣ ਲਈ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹੋ ਜਾਂ ਆਪਣਾ ਧਿਆਨ ਅਤੇ ਮਨ ਦੀ ਸ਼ਾਂਤੀ ਨੂੰ ਬਿਹਤਰ ਬਣਾ ਸਕਦੇ ਹੋ ਜਾਂ ਤੁਸੀਂ ਇਸ ਨੂੰ ਬ੍ਰਹਮ ਦੀ ਪੌੜੀ ਵਜੋਂ ਵਰਤ ਸਕਦੇ ਹੋ.
ਸਾਡੇ ਯੋਗਾ ਇੰਸਟ੍ਰਕਟਰ ਅਨੁਰਾਗ ਸ਼ਰਮਾ ਸਰਕਾਰੀ ਪ੍ਰਮਾਣਿਤ ਯੋਗਾ ਇੰਸਟ੍ਰਕਟਰ ਹਨ. ਉਹ 2001 ਤੋਂ ਨਿਯਮਿਤ ਤੌਰ ਤੇ ਯੋਗਾ ਅਤੇ ਸਿਮਰਨ ਦਾ ਅਭਿਆਸ ਕਰ ਰਿਹਾ ਹੈ ਅਤੇ 2011 ਤੋਂ ਪੜ੍ਹਾ ਰਿਹਾ ਹੈ. ਉਸਨੇ ਆਰਟ ਆਫ਼ ਲਿਵਿੰਗ, ਵਿਪਾਸਨਾ ਕੇਂਦਰ, ਪਤੰਜਲੀ, ਚੰਡੀਗੜ੍ਹ ਕਾਲਜ ਆਫ ਯੋਗਾ ਅਤੇ ਚੰਡੀਗੜ੍ਹ ਪ੍ਰਸ਼ਾਸਨ ਸਮੇਤ ਵੱਖ ਵੱਖ ਸੰਸਥਾਵਾਂ ਤੋਂ ਯੋਗਾ ਅਤੇ ਮੈਡੀਟੇਸ਼ਨ ਸਿੱਖੀ ਹੈ. ਉਸਨੇ ਖਰੜ ਅਤੇ ਮੁਹਾਲੀ ਦੇ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਸਰਕਾਰੀ ਸਕੂਲਾਂ ਅਤੇ ਨਿੱਜੀ ਕਾਲਜਾਂ ਵਿਚ ਯੋਗਾ ਅਤੇ ਮੈਡੀਟੇਸ਼ਨ ਸਿਖਾਈ ਹੈ. ਪੀਜੀਆਈ ਨਸ਼ਾ ਅਤੇ ਸ਼ਰਾਬ ਛੁਡਾ ਸ਼ਰਾਬ ਕੇਂਦਰ ਸਮੇਤ ਚੰਡੀਗੜ੍ਹ ਦੇ ਵੱਖ ਵੱਖ ਹਸਪਤਾਲਾਂ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਸਾਲ ਲਈ ਹਫਤਾਵਾਰੀ ਸੈਸ਼ਨ ਵੀ ਕਰਵਾਏ ਗਏ। ਉਹ ਸਮੇਂ ਸਮੇਂ ਤੇ ਵੱਖ ਵੱਖ ਐਮ ਐਨ ਸੀਜ਼ ਵਿੱਚ ਕਰਮਚਾਰੀਆਂ ਲਈ ਕਾਰਪੋਰੇਟ ਸੈਸ਼ਨ ਵੀ ਕਰਵਾਉਂਦਾ ਹੈ.
ਹਰ ਸਾਲ ਉਹ ਚੰਡੀਗੜ੍ਹ ਪ੍ਰਸ਼ਾਸਨ ਲਈ ਮਾਸਟਰ ਯੋਗਾ ਟ੍ਰੇਨਰ ਵਜੋਂ ਵੀ ਕੰਮ ਕਰਦਾ ਹੈ, ਜੋ ਕਿ ਚੰਡੀਗੜ੍ਹ ਵਿਖੇ ਅੰਤਰਰਾਸ਼ਟਰੀ ਯੋਗ ਦਿਵਸ ਸਮਾਰੋਹ ਲਈ ਹਿੱਸਾ ਲੈਣ ਵਾਲਿਆਂ ਨੂੰ ਤਿਆਰ ਕਰਦਾ ਹੈ. ਇਸ ਵੇਲੇ ਉਹ ਖਰੜ ਅਤੇ ਆਸ ਪਾਸ ਦੀਆਂ ਰਿਹਾਇਸ਼ੀ ਸੁਸਾਇਟੀਆਂ ਵਿੱਚ ਨਿਯਮਿਤ ਯੋਗਾ ਸੈਸ਼ਨ ਲੈ ਰਿਹਾ ਹੈ. ਵਧੇਰੇ ਜਾਣਕਾਰੀ ਲਈ ਵਟਸਐਪ ਜਾਂ ਉਸਨੂੰ +91 62832 66268 'ਤੇ ਕਾਲ ਕਰੋ.
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हम नियमित रूप से योग और ध्यान सत्र आयोजित कर रहे हैं और 2011 से लगातार गूगल खोज में 5 स्टार रेटिंग प्राप्त कर रहे हैं । हमारे सत्र या किसी अन्य जांच में शामिल होने के लिए
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आज के तनाव भरे जीवन में योग कितना प्रासंगिक है। योग के फायदों से आज हर कोई वाकिफ है। के रूप में यह न केवल स्वस्थ शरीर होने में मदद करता है बल्कि मन में शांति और संतुलन भी लाता है। जो आज के जीवन में इतना प्रासंगिक है, जहां लोगों के पास आक्रामकता, जीवन शैली, आर्थिक और सहकर्मी दबाव, जंक फूड और समय की कमी के कारण इतनी आक्रामकता, तनाव, तनाव है।
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हमारे योग प्रशिक्षक अनुराग शर्मा सरकारी प्रमाणित योग प्रशिक्षक हैं। वह 2001 से नियमित रूप से योग और ध्यान का अभ्यास कर रहे हैं और 2011 से अध्यापन कर रहे हैं। उन्होंने आर्ट ऑफ लिविंग, विपासना केंद्र, पतंजलि, चंडीगढ़ कॉलेज ऑफ योग और चंडीगढ़ प्रशासन सहित विभिन्न संगठनों से योग और ध्यान सीखा है। उन्होंने खार और मोहाली के विभिन्न सरकारी स्कूलों और निजी कॉलेजों में योग और ध्यान सिखाया है। साथ ही चंडीगढ़ के विभिन्न अस्पतालों में पीजीआई ड्रग एंड अल्कोहल डे एडिक्शन सेंटर सहित एक वर्ष के लिए साप्ताहिक सत्र आयोजित किए गए। वह विभिन्न बहुराष्ट्रीय कंपनियों में समय-समय पर कर्मचारियों के लिए कॉर्पोरेट सत्र आयोजित करता है।
हर साल वह चंडीगढ़ में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम के लिए प्रतिभागियों को तैयार करने के लिए मास्टर योग ट्रेनर के रूप में चंडीगढ़ प्रशासन के लिए भी काम करता है। वर्तमान में वह खार और आसपास के आवासीय समाजों में नियमित योग सत्र ले रहे हैं। अधिक जानकारी के लिए व्हाट्सएप या उसे +91 62832 66268 पर कॉल करें।
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ਜੇ ਜਰੂਰੀ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਅਸੀਂ ਜਲ ਨੀਤੀ ਅਤੇ ਹੋਰ ਸ਼ਤ ਕਰਮਾਂ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਸੈਸ਼ਨ ਵਿਚ ਨਿਯਮਤ ਰੂਪ ਵਿਚ ਮੇਡੀਟੇਸ਼ਨ, ਪ੍ਰਾਣਾਯਾਮ ਵੀ ਸਿਖਾਉਂਦੇ ਹਾਂ . ਸੈਸ਼ਨ ਸਵੇਰ ਅਤੇ ਸ਼ਾਮ ਦੋਵਾਂ ਤੇ ਚੱਲ ਰਹੇ ਹਨ. ਇਹ ਹਫ਼ਤੇ ਵਿਚ 5 ਦਿਨ ਹੈ. ਹਰੇਕ ਸੈਸ਼ਨ ਦੀ ਮਿਆਦ 40-45 ਮਿੰਟ ਹੁੰਦੀ ਹੈ. ਮਹੀਨਾਵਾਰ ਫੀਸ ਵਾਜਬ ਹੈ, ਦੂਰੀ, ਸਮਾਂ ਨੰਬਰ ਅਤੇ ਸਮੂਹ ਦੇ ਆਕਾਰ ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦਿਆਂ. ਸਥਾਨਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਕੁਝ ਜਮਮੁਨਾ ਅਪਾਰਟਮੈਂਟਸ, ਟੀਡੀਆਈ ਵੇਲਿੰਗਟਨ ਹਾਈਟਸ, ਸੰਨੀ ਇਨਕਲੇਵ, ਸ਼ਿਵਾਲਿਕ ਸਿਟੀ, ਐਸਬੀਪੀ ਘਰਾਂ, ਐਕਮੀ ਹਾਈਟਸ ਅਤੇ ਹੋਰ ਹਨ. ਨਵੀਨਤਮ ਸਥਾਨਾਂ ਜਾਂ ਹੋਰ ਵੇਰਵਿਆਂ ਨੂੰ ਜਾਣਨ ਲਈ, ਤੁਸੀਂ WhatsApp ਜਾਂ ਸਾਨੂੰ +91 62832 66268 ਤੇ ਕਾਲ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹੋ .
ਅੱਜ ਦੀ ਤਣਾਅ ਭਰੀ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਵਿਚ ਯੋਗਾ ਇੰਨਾ relevant ੁਕਵਾਂ ਹੈ. ਅੱਜ ਹਰ ਕੋਈ ਯੋਗਾ ਦੇ ਫਾਇਦਿਆਂ ਤੋਂ ਜਾਣੂ ਹੈ. ਕਿਉਂਕਿ ਇਹ ਨਾ ਸਿਰਫ ਤੰਦਰੁਸਤ ਸਰੀਰ ਰੱਖਣ ਵਿਚ ਸਹਾਇਤਾ ਕਰਦਾ ਹੈ ਬਲਕਿ ਮਨ ਵਿਚ ਸ਼ਾਂਤੀ ਅਤੇ ਸੰਤੁਲਨ ਲਿਆਉਂਦਾ ਹੈ. ਜੋ ਅੱਜ ਦੀ ਜਿੰਦਗੀ ਵਿੱਚ ਇੰਨਾ relevantੁਕਵਾਂ ਹੈ, ਜਿਥੇ ਲੋਕਾਂ ਵਿੱਚ ਗੰਦੀ ਜੀਵਨ ਸ਼ੈਲੀ, ਆਰਥਿਕ ਅਤੇ ਹਾਣੀਆਂ ਦੇ ਦਬਾਅ, ਜੰਕ ਫੂਡ ਅਤੇ ਸਮੇਂ ਦੀ ਘਾਟ ਕਾਰਨ ਬਹੁਤ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹਮਲਾ, ਤਣਾਅ, ਤਣਾਅ ਹੁੰਦਾ ਹੈ.ਯੋਗ: ਚਿਤ ਦਰਸਨ ਨਿਵਾਰਣ:॥ ਯੋਗ ਸਰੀਰਕ ਲਾਭ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਤੁਹਾਡੇ ਮਨ ਨੂੰ ਸੁਲਝਾਉਣ ਵਿਚ ਸਹਾਇਤਾ ਕਰਦਾ ਹੈ. ਤੁਸੀਂ ਯੋਗਾ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਆਪਣੀ ਪਿੱਠ ਦਰਦ ਤੋਂ ਛੁਟਕਾਰਾ ਪਾਉਣ ਲਈ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹੋ ਜਾਂ ਆਪਣਾ ਧਿਆਨ ਅਤੇ ਮਨ ਦੀ ਸ਼ਾਂਤੀ ਨੂੰ ਬਿਹਤਰ ਬਣਾ ਸਕਦੇ ਹੋ ਜਾਂ ਤੁਸੀਂ ਇਸ ਨੂੰ ਬ੍ਰਹਮ ਦੀ ਪੌੜੀ ਵਜੋਂ ਵਰਤ ਸਕਦੇ ਹੋ.
ਸਾਡੇ ਯੋਗਾ ਇੰਸਟ੍ਰਕਟਰ ਅਨੁਰਾਗ ਸ਼ਰਮਾ ਸਰਕਾਰੀ ਪ੍ਰਮਾਣਿਤ ਯੋਗਾ ਇੰਸਟ੍ਰਕਟਰ ਹਨ. ਉਹ 2001 ਤੋਂ ਨਿਯਮਿਤ ਤੌਰ ਤੇ ਯੋਗਾ ਅਤੇ ਸਿਮਰਨ ਦਾ ਅਭਿਆਸ ਕਰ ਰਿਹਾ ਹੈ ਅਤੇ 2011 ਤੋਂ ਪੜ੍ਹਾ ਰਿਹਾ ਹੈ. ਉਸਨੇ ਆਰਟ ਆਫ਼ ਲਿਵਿੰਗ, ਵਿਪਾਸਨਾ ਕੇਂਦਰ, ਪਤੰਜਲੀ, ਚੰਡੀਗੜ੍ਹ ਕਾਲਜ ਆਫ ਯੋਗਾ ਅਤੇ ਚੰਡੀਗੜ੍ਹ ਪ੍ਰਸ਼ਾਸਨ ਸਮੇਤ ਵੱਖ ਵੱਖ ਸੰਸਥਾਵਾਂ ਤੋਂ ਯੋਗਾ ਅਤੇ ਮੈਡੀਟੇਸ਼ਨ ਸਿੱਖੀ ਹੈ. ਉਸਨੇ ਖਰੜ ਅਤੇ ਮੁਹਾਲੀ ਦੇ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਸਰਕਾਰੀ ਸਕੂਲਾਂ ਅਤੇ ਨਿੱਜੀ ਕਾਲਜਾਂ ਵਿਚ ਯੋਗਾ ਅਤੇ ਮੈਡੀਟੇਸ਼ਨ ਸਿਖਾਈ ਹੈ. ਪੀਜੀਆਈ ਨਸ਼ਾ ਅਤੇ ਸ਼ਰਾਬ ਛੁਡਾ alcohol ਕੇਂਦਰ ਸਮੇਤ ਚੰਡੀਗੜ੍ਹ ਦੇ ਵੱਖ ਵੱਖ ਹਸਪਤਾਲਾਂ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਸਾਲ ਲਈ ਹਫਤਾਵਾਰੀ ਸੈਸ਼ਨ ਵੀ ਕਰਵਾਏ ਗਏ। ਉਹ ਸਮੇਂ ਸਮੇਂ ਤੇ ਵੱਖ ਵੱਖ ਐਮ ਐਨ ਸੀਜ਼ ਵਿੱਚ ਕਰਮਚਾਰੀਆਂ ਲਈ ਕਾਰਪੋਰੇਟ ਸੈਸ਼ਨ ਵੀ ਕਰਵਾਉਂਦਾ ਹੈ.
ਹਰ ਸਾਲ ਉਹ ਚੰਡੀਗੜ੍ਹ ਪ੍ਰਸ਼ਾਸਨ ਲਈ ਮਾਸਟਰ ਯੋਗਾ ਟ੍ਰੇਨਰ ਵਜੋਂ ਵੀ ਕੰਮ ਕਰਦਾ ਹੈ, ਜੋ ਕਿ ਚੰਡੀਗੜ੍ਹ ਵਿਖੇ ਅੰਤਰਰਾਸ਼ਟਰੀ ਯੋਗ ਦਿਵਸ ਸਮਾਰੋਹ ਲਈ ਹਿੱਸਾ ਲੈਣ ਵਾਲਿਆਂ ਨੂੰ ਤਿਆਰ ਕਰਦਾ ਹੈ. ਇਸ ਵੇਲੇ ਉਹ ਖਰੜ ਅਤੇ ਆਸ ਪਾਸ ਦੀਆਂ ਰਿਹਾਇਸ਼ੀ ਸੁਸਾਇਟੀਆਂ ਵਿੱਚ ਨਿਯਮਿਤ ਯੋਗਾ ਸੈਸ਼ਨ ਲੈ ਰਿਹਾ ਹੈ. ਵਧੇਰੇ ਜਾਣਕਾਰੀ ਲਈ ਵਟਸਐਪ ਜਾਂ ਉਸਨੂੰ +91 62832 66268 'ਤੇ ਕਾਲ ਕਰੋ.
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हम नियमित रूप से योग और ध्यान सत्र आयोजित कर रहे हैं और 2011 से लगातार Google खोज में 5 स्टार रेटिंग प्राप्त कर रहे हैं । हमारे सत्र या किसी अन्य जांच में शामिल होने के लिए
ऑनलाइन सत्र जो आप दुनिया में कहीं भी कभी भी ले सकते हैं। आपको अपने फोन को छोड़कर इसके लिए ज्यादा आवश्यकता नहीं है। कई देशों में कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन के दौरान विशेष रूप से उपयोगी है। खार और आसपास के विभिन्न स्थानों पर
समूह सत्र नियमित रूप से चल रहे हैं। आप वहां शामिल हो सकते हैं या अपने समाज, क्षेत्र में अपना खुद का समूह बना सकते हैं। व्यक्तिगत ध्यान और विशिष्ट आवश्यकताओं के साथ अपने निवास के आराम में
व्यक्तिगत गृह सत्र । अपने कर्मचारियों की भलाई के लिए
कॉर्पोरेट सत्र । हमारे पास कई कंपनियों के साथ इस तरह के सत्र आयोजित करने का अनुभव है।
इसके अलावा हमारे पास स्कूल, कॉलेज और नशामुक्ति केंद्रों में सत्र आयोजित करने का भी अनुभव है।
योग: चित्त वृत्ति निरोध: त्ति योग शारीरिक लाभ के अलावा आपके दिमाग को शांत करने में मदद करता है। आप अपनी पीठ दर्द से छुटकारा पाने के लिए योग का उपयोग कर सकते हैं या अपने ध्यान और मन की शांति में सुधार कर सकते हैं या आप इसे परमात्मा की सीढ़ी के रूप में उपयोग कर सकते हैं।
हमारे योग प्रशिक्षक अनुराग शर्मा सरकारी प्रमाणित योग प्रशिक्षक हैं। वह 2001 से नियमित रूप से योग और ध्यान का अभ्यास कर रहे हैं और 2011 से अध्यापन कर रहे हैं। उन्होंने आर्ट ऑफ लिविंग, विपासना केंद्र, पतंजलि, चंडीगढ़ कॉलेज ऑफ योग और चंडीगढ़ प्रशासन सहित विभिन्न संगठनों से योग और ध्यान सीखा है। उन्होंने खार और मोहाली के विभिन्न सरकारी स्कूलों और निजी कॉलेजों में योग और ध्यान सिखाया है। साथ ही चंडीगढ़ के विभिन्न अस्पतालों में पीजीआई ड्रग एंड अल्कोहल डे एडिक्शन सेंटर सहित एक वर्ष के लिए साप्ताहिक सत्र आयोजित किए गए। वह विभिन्न बहुराष्ट्रीय कंपनियों में समय-समय पर कर्मचारियों के लिए कॉर्पोरेट सत्र आयोजित करता है।
हर साल वह चंडीगढ़ में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम के लिए प्रतिभागियों को तैयार करने के लिए मास्टर योग ट्रेनर के रूप में चंडीगढ़ प्रशासन के लिए भी काम करता है। वर्तमान में वह खार और आसपास के आवासीय समाजों में नियमित योग सत्र ले रहे हैं। अधिक जानकारी के लिए व्हाट्सएप या उसे +91 62832 66268 पर कॉल करें।
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इसके अलावा हमारे पास स्कूल, कॉलेज और नशामुक्ति केंद्रों में सत्र आयोजित करने का भी अनुभव है।
हम आवश्यकता होने पर जल नीती और अन्य शत कर्मों के अलावा सत्र में नियमित रूप से ध्यान, प्राणायाम भी सिखाते हैं । सुबह और शाम दोनों समय सत्र चल रहा है। सप्ताह में इसके 5 दिन। प्रत्येक सत्र की अवधि 40-45 मिनट है। दूरी, समय स्लॉट और समूह के आकार के आधार पर मासिक शुल्क उचित है। कुछ स्थानों पर जमुना अपार्टमेंट, टीडीआई वेलिंगटन हाइट्स, सनी एन्क्लेव, शिवालिक शहर, एसबीपी घर, एक्मे हाइट्स आदि हैं। नवीनतम स्थानों या अन्य विवरणों को जानने के लिए, आप हमें WhatsApp पर कॉल कर सकते हैं या +91 62832 66268 पर कॉल कर सकते हैं ।
आज के तनाव भरे जीवन में योग कितना प्रासंगिक है। योग के फायदों से आज हर कोई वाकिफ है। के रूप में यह न केवल स्वस्थ शरीर होने में मदद करता है बल्कि मन में शांति और संतुलन भी लाता है। जो आज के जीवन में इतना प्रासंगिक है, जहां लोगों के पास आक्रामकता, जीवन शैली, आर्थिक और सहकर्मी दबाव, जंक फूड और समय की कमी के कारण इतनी आक्रामकता, तनाव, तनाव है।योग: चित्त वृत्ति निरोध: त्ति योग शारीरिक लाभ के अलावा आपके दिमाग को शांत करने में मदद करता है। आप अपनी पीठ दर्द से छुटकारा पाने के लिए योग का उपयोग कर सकते हैं या अपने ध्यान और मन की शांति में सुधार कर सकते हैं या आप इसे परमात्मा की सीढ़ी के रूप में उपयोग कर सकते हैं।
हमारे योग प्रशिक्षक अनुराग शर्मा सरकारी प्रमाणित योग प्रशिक्षक हैं। वह 2001 से नियमित रूप से योग और ध्यान का अभ्यास कर रहे हैं और 2011 से अध्यापन कर रहे हैं। उन्होंने आर्ट ऑफ लिविंग, विपासना केंद्र, पतंजलि, चंडीगढ़ कॉलेज ऑफ योग और चंडीगढ़ प्रशासन सहित विभिन्न संगठनों से योग और ध्यान सीखा है। उन्होंने खार और मोहाली के विभिन्न सरकारी स्कूलों और निजी कॉलेजों में योग और ध्यान सिखाया है। साथ ही चंडीगढ़ के विभिन्न अस्पतालों में पीजीआई ड्रग एंड अल्कोहल डे एडिक्शन सेंटर सहित एक वर्ष के लिए साप्ताहिक सत्र आयोजित किए गए। वह विभिन्न बहुराष्ट्रीय कंपनियों में समय-समय पर कर्मचारियों के लिए कॉर्पोरेट सत्र आयोजित करता है।
हर साल वह चंडीगढ़ में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम के लिए प्रतिभागियों को तैयार करने के लिए मास्टर योग ट्रेनर के रूप में चंडीगढ़ प्रशासन के लिए भी काम करता है। वर्तमान में वह खार और आसपास के आवासीय समाजों में नियमित योग सत्र ले रहे हैं। अधिक जानकारी के लिए व्हाट्सएप या उसे +91 62832 66268 पर कॉल करें।
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In Google
We are continuously getting 5 star ratings on google search for yoga and meditation classes since 2011 as you can see from following links in Google search & Google maps.
Jal Neti
Jal Neti is a technique to to purify and clean the nasal path, right from the nostrils to the throat. It is one of the six-purification procedures or ‘Shatkarmas’ mentioned in Hatha Yoga Pradeepika.
What do you need
A Neti pot
A pinch of salt
Lukewarm water
A Neti pot is usually small and has a long spout on one side, which is small enough to be inserted gently into one of the nostrils during the process.
Benefits
Daily practice helps maintain the nasal hygiene by removing the dirt and bacteria trapped along with the mucus in the nostrils. It soothes the sensitive tissues inside the nose, which can assuage a bout of rhinitis or allergies. It is beneficial in dealing with asthmatic conditions and making breathing easier. It reduces tinnitus and middle ear infections. It helps abate sinusitis or migraine attack. It can alleviate upper respiratory complaints like sore throats, tonsils, and dry coughs. It can clear the eye ducts and improve vision. Clearing of nasal passages helps improve the sense of smell and thereby improves digestion. It calms the nervous system and the mind. It also helps relieve stress and brings clarity to the mind. People have experienced a reduction in their anger by practicing Jal Neti regularly. It helps improve the quality of your meditation.
Precautions
The nose should be dried properly after the process. People with high blood pressure should be careful during this part. If one feels dizzy while drying the nose, then it should be done standing upright. Take care that you do not leave any water in the nasal passages as it might cause an infection. Like any other yogic practice, learn it from an expert practitioner. Jal Neti goes beyond nasal cleansing and helps in aligning your body, mind, and soul. hop helps it all. But wait, there's so much more. Enjoy optimal health and inner freedom.
In Hindi
मौसम बदलने पर सर्दी-जुकाम और सांस की समस्या दूर करती है जलनेति। जलनेति में नमकीन जल का प्रयोग करने से नाक के अंदर झिल्ली में रक्तप्रवाह बढ़ता है। जलनेति में पानी से नाक की सफाई की जाती है, जिससे आपको साइनस, सर्दी- जुकाम, प्रदूषण से बचाया जा सकता है। इसे करने के लिए नमकीन गुनगुने पानी का इस्तेमाल किया जाता है। इस क्रिया में पानी को नेति पात्र की मदद से नाक के एक छिद्र से डाला जाता है और दूसरे से निकाला जाता है। फिर इसी क्रिया को दूसरे नॉस्ट्रिल से किया जाता है। जलनेति दिन में किसी भी समय की जा सकती है। यदि किसी को जुकाम हो तो इसे दिन में कई बार कर सकते हैं। इसके लगातार अभ्यास से यह नासिका क्षेत्र में कीटाणुओं को पनपने नहीं देती।
आधे लीटर गुनगुने पानी में आधा चम्मच नमक मिलाएं और नेति के बर्तन में इस पानी को भर लें। अब आप कागासन में बैठें। पैरों के बीच डेढ़ से दो फीट की दूरी रखें। कमर से आगे की ओर झुकें। नाक का जो छिद्र उस समय अधिक सक्रिय हो, सिर को उसकी विपरीत दिशा में झुकाएं। अब नाक के एक छेद में नेति पात्र की नली से पानी डालें। पानी धीरे-धीरे डालें। इस दौरान मुंह खुला रखें और लंबी सांस न लें। यह पानी नाक के दूसरे छेद से निकलना चाहिए। इसी प्रक्रिया को नाक के दूसरे छेद से करें। दोनों छेद से यह प्रक्रिया करने के बाद सीधे खड़े हो जाएं और नीचे सुझाए गए जलनेति क्रिया के पश्चात करने वाले यौगिक अभ्यास को करें। इससे नाक के अंदर का सारा पानी, बैक्टीरिया और म्यूकस बाहर आ जाता है।
नाक की सफाई : यह नाक की सफाई करती है जिससे सांस नली सम्बन्धी परेशानी, पुरानी सर्दी, दमा, सांस लेने में होने वाली समस्या को दूर करती है। आंख, कान और गले की समस्या दूर : आंखों में पानी आना और आंख में जलन की समस्या कम होती है। कान, और गले को बीमारियों से बचाती है। सिरदर्द, अनिद्रा, सुस्ती में जलनेति करना फायदेमंद है।
यह सुनिश्चित करना जरूरी है की जलनेति क्रिया के बाद नाक के छिद्रों में पानी बचा न रहे क्योंकि इससे सर्दी हो सकती है। कई बार नथुने बंद हो जाते हैं या सांस लेने में तकलीफ होती है। इससे संक्रमण तथा शरीर के तापमान आदि में वृद्धि हो सकती है। इसलिए जलनेति क्रिया के बाद एक नथुने को बंद करके दूसरे नथुने से, फिर दुसरे नथुने को बंद करके पहले नथुने से धीरे-धीरे हवा बाहर फेंके। शुरुआत में यह क्रिया किसी एक्सपर्ट की मौजूदगी में करना चाहिए। जलनेति के बाद नाक को सुखाने के लिए कपालभाति प्राणायाम करना लाभकारी है।
जलनेति करने के तुरंत बाद सोना नहीं चाहिए। इससे पानी श्वास नलिका के मार्ग से होकर फेफड़ों तक पहुंचता है। फेफड़ों में संक्रमण हो सकता है।
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Wheel pose
It is also known as Full Wheel Pose, Upward Bow Pose, back bridge and Chakrasana in Sanskrit.
Targets: Backbend, chest opener
Level: Intermediate
Wheel Pose (Urdhva Dhanurasana) is a backbend that is characterized as a beginner's backbend, but it still requires building up strength and flexibility to achieve it. It opens the chest, shoulders, and hips in a way that counteracts the typical modern-day sitting posture. Backbends are usually done near the end of a yoga practice. After performing Wheel Pose, it is common to do a mild twist or forward bend.
Benefits
This pose improves spinal mobility and opens the chest. It strengthens the arms, shoulders, and legs. Wheel Pose is traditionally said to be energizing and can lift your mood. As it opens your hips, shoulders, and chest it works in opposition to the slouched and sitting postures that are common in modern life.
Safety and Precautions
You should not do Wheel Pose if you have had an injury or chronic problem with your knees, wrists, shoulders, neck, or back. Don't force your body into the pose before it is flexible enough to do so without straining. Bend back only as far as you can naturally. With continued practice, you will gradually build your flexibility to achieve the pose. It is always advisable to not do such poses without proper guidance.
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Day 21 : Manifest your attention
Day 21/21
One last meditation to go! Even if you've missed a few days, it doesn't matter! Let's all come together today on International Peace Day and meditate with Gurudev Sri Sri Ravi Shankar.
Here's the link to meditate:
When you are in an expanded and relaxed state of consciousness, you are in tune with Nature. In such a state, if there is a desire, it does not remain yours alone, it becomes Nature's intention and eventually manifests. Gurudev here guides you to such a state where you can manifest your intentions.
Day 20 : Color of consciousness
Day 20/21
Link to today's meditation:
Healthy emotions are essential for a fulfilling life and emotions are nothing but different flavours of our life force energy. Gurudev shares the key to healthy emotions and what lies beyond the space of feelings.
We're just 2 days away from completing the challenge! Congratulations on keeping at it, and we hope you've found that these meditations have enriched your life.
Day 19 : Only you
Day 19/21
Link to today's meditation:
Nature loves diversity but also uniqueness. While billions of people have been born on the planet through history, there has never been anyone like you, nor will there ever be. So long as you compare yourself with others, you are not at rest. Here, Gurudev makes us aware of the unique relationship we share with Nature and Divinity, so that we can relax and just be!
Tune in within!
Day 18 : Timelessness
Day 18/21
Today's meditation link:
As we engage in various activities, to varying degrees we are aware of what is happening and what we are doing. How is this awareness that we hold while doing something different from the awareness in meditation? In this session, Gurudev gently guides us to be aware of the present moment and then some more.
Tune in within.
Day 17 : 5 elements & 5 senses
Day 17/21
Mahalaya Amavasya is an auspicious day to meditate and express gratitude to our ancestors who are responsible for the life we enjoy today!
Link to join today's meditation:
We know that the world is made up of 5 Elements. Here, Gurudev explains how they are connected with our 5 senses and gently guides us to a state of transcendence that lies beyond the elements and the senses.
Day 16 : Improve sleep quality
Day 16/21
Enjoy a great night's sleep with today's meditation:
Gurudev teaches a simple humming technique that is helpful for sleep disorders. The relaxing meditation that follows enables you to move from the limited sphere of feeling and emotions to a higher dimension.
Tune in within yourself.
Day 15 : Are you feeling restless
Day 15/21
Link to today's meditation:
Very often, the restlessness in the body does not allow us to sit still for meditation and we are not able to go deep. This meditation has a simple technique to get rid of restlessness so that you are able to settle down.
Remember to tune in your true being.
Day 14 : What about thoughts
Day 14/21
We're nearly there! Only one more week to go.
Link to today's meditation:
Trying to still the mind through any kind of effort is like catching air in your fist. By knowing the nature of the mind, you realize the key to finding a space of stillness.
Day 13 : Effort to effortless
Day 13/21
Link to today's meditation:
When we meditate today, let's keep in mind the Golden Rule of Meditation: Do Nothing! Meditation doesn't require any effort. It's all about relaxation. Today we'll experience that.
Even if you've missed a couple of days, it's fine! Never too late to catch up.
Day 12 : A new life
Day 12/21
Link to today's meditation:
Today we learn about the secret power of attention and how to make use of it to increase our energy levels⚡
Day 11 : Pillar of energy
Day 11/21
Today's meditation link:
Thank you for sharing all of your experiences with us! While it's helped some of us cope with PTSD, anxiety, depression, for some others this challenge has been helping with everyday challenges, exam fears, motherhood, work, and for some it's been a deeply spiritual, mind, body, soul uniting experience!
Keep it up on making it this far! See you then!
Day 10 : Bouncing awareness
Day 10/21
Today's meditation link:
Today we break another Meditation myth. It's a common belief that meditation is about concentration. Gurudev, however, says that meditation is deep relaxation. And concentration is a byproduct of deep states of meditation. Experience this deep relaxation in today's meditation.
Remember to wear loose, comfortable clothes today! Get ready for a small, easy workout that we will guide you into before meditation today.
Day 9 : Movement to stillness
Day 9/21
Today's meditation link:
Let's break some meditation myths today!
It is often believed that for a good meditation experience, one should practise being completely still. This meditation shatters that myth by taking you to stillness through movement.
Day 8 : Fire within
Day 8
Today's meditation link:
While we can choose what we eat, the process of digestion in the body after we eat it is entirely out of our conscious control. Or is it? In this session, Gurudev will gently guide our awareness in a way that makes the digestive process in the body more effective.
Day 7 : Sound to silence
Day 7
Have a happy Monday with today's meditation:
It's okay if you've missed a couple of days. Restart today!
Sound influences our system in a very profound way. In this meditation, we explore the idea of how sound along with gentle attention can lead you to a state of deep rest.
Day 6 : Scenery to seer
Day 6!
Here's the link:
First of all, a tap on your back for having made it this far! Congratulations!
The mind and senses are constantly focussed on the external. These sense perceptions keep our mind occupied at all times. Today, Gurudev takes you step by step allowing you to go past all that can be 'seen' towards the pure space of the 'seer'.
Day 5 : Beyond the body
Day 5!
Here's the link:
Now that you have been meditating for four days, it is time to introduce something new in the practice. In this meditation by Gurudev, you are guided to settle into a larger space around the body, before allowing yourself to sink into total relaxation.
Day 4 : Gift of life
Day 4 - The Gift of Life
Here's today's meditation link:
Very often, it is the events of the past that don't allow you to go deep within yourself. As a result, you are not able to settle and relax. Today, Gurudev will guide you towards the right attitude with which you are able to find freedom from the past and move ahead.
Day 3 : Eyes meditation
Day 3 !
Today’s Meditation link
Did you know that the movement of the eyes are closely attached to the movements in the mind: the thoughts, feelings, desires, confusion, chaos etc.?
Join us as Gurudev guides our mind to stillness by touching the emotions hiding behind our eyes.
Day 2 : Art of deep relaxation
It's Day 2!
The mind and the body are related to each other but not in ways that we think. Today, we'll learn about the mechanics of meditation from Gurudev!
Remember to relax, and keep a gentle smile on your face when you meditate today.
Here's the meditation link:
Day 1 : Beginner Meditation
Welcome to the 21 Day Meditation Challenge
We're all excited for day 1, and we're really looking forward to having all of you join us for the first meditation today! It's the start of an an incredible journey, and you'll see how easy it is to make meditation a part of our daily lives. It's a gift that keeps on giving :)
Today we'll start with a beginner-friendly meditation. Remember to save the attached image. That will be our schedule for the next 21 days.
Remember to:
1) Wear loose, comfortable clothes
2) Find a quiet corner in your house
3) Sit in a comfortable position & rest your back if you need to
4) Close your eyes, relax and let Gurudev guide you into a deep state of relaxation.
Here's the link: https://youtu.be/v1vRphAv7C4
Meditation is not concentration
Very good explanation by Osho in this video that meditation is not concentration. It is all inclusive unlike concentration which is an act of mind and can be disturbed by any small thing.
Discount
👍🏼This month, we are giving discount up to 50% or 450₹ whichever is less on your yoga fees for one month if you enroll someone new for our online yoga session.
It will be applicable after that person paid his fees. You will get discount accordingly on your next fees payment. Do inform us about your reference before that person joining our sessions otherwise later it will not be applicable. For any other clarification or details, Whatsapp/call us.
Yoga mat
Yoga & meditation mats are available at reasonable prices for our refreshing online yoga sessions. For more details WhatsApp/Call us at:
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Dispassion
Vairagya or Dispassion
What does Dispassion means?
We think dispassion means we don’t want anything. Dispassion means keeping a broader vision in life. Getting a relief from the feverishness is dispassion.
In life,you need passion and also need dispassion. If its only passion,you will get into depression. Not every passion can fructify right away. You need patience to pursue your passion. But it can happen only when there is a dispassion also.
If there is no dispassion, you cannot even sleep.To the degree of dispassion, you get that much to get good sleep. Holding on to things in life comes from childhood. You should also learn to leave things. We cannot rest without letting go. We will get disease otherwise. We sleep after hollowing our mind.
When any thought catches our mind, sleep goes away. That means only lack of dispassion. If you have dispassion, you will sleep peacefully. Happiness is obvious on your body along with a smile. Enthusiasm in life is maintained. We don’t call them dispassionate who sits sorrowful. We have taken the meaning of dispassion so wrongly that someone sitting sad is vairagya. But that is not vairagya.
Depression is counter productive to dispassion. Its lack of dispassion that you get into depression. Depression indicates that you have zero dispassion. The sign of dispassion is not dullness. Sign of dispassion is enthusiasm. You are at peace, you are energetic, you are happy. Unfortunately, we have confused dispassion with depression. The so called dispassionate people will look so depressive.
Now for vairagya or dispassion, Adi Shankara says :
“Kasya sukham na karoti viraga.”
What is the happiness that dispassionate cannot bring it to you? This is the question he asked. There is no joy that you cannot get with dispassion.
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