Yoga removes negativity

योग से खत्म होती है मनुष्य के अन्दर की नकारात्मकता

योग भारतीय प्राचीन संस्कृति की परम्पराओं को समाहित करता है। भारत देश में योग का प्राचीन समय से ही अहम स्थान है। पतंजली योग दर्शन में कहा गया है कि- योगश्चित्तवृत्त निरोधः अर्थात् चित्त की वृत्तियों का निरोध ही योग है। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो ह्रदय की प्रकृति का संरक्षण ही योग है। जो मनुष्य को समरसता की और ले जाता है। योग मनुष्य की समता और ममता को मजबूती प्रदान करता है। यह एक प्रकार का शारारिक व्यायाम ही नहीं है बल्कि जीवात्मा का परमात्मा से पूर्णतया मिलन है। योग शरीर को तो स्वस्थ्य रखता है ही इसके साथ-साथ मन और दिमाग को भी एकाग्र रखने में अपना योगदान देता है। योग मनुष्य में नये-नये सकारात्मक विचारों की उत्पत्ति करता है। जो कि मनुष्य को गलत प्रवृति में जाने से रोकते हैं। योग मन और दिमाग की अशुद्धता नकारात्मकता को बाहर निकालकर फेंक देता है। साथ-साथ योग से मनुष्य के अन्दर की नकारात्मकता खत्म होती है। योग व्यक्तिगत चेतना को मजबूती प्रदान करता है। 

● योग मानसिक नियंत्रण का भी माध्यम है। हिन्दू धर्म, बौध्द धर्म और जैन धर्म में योग को आध्यात्मिक दृष्टि से देखा जाता है। योग मन और दिमाग को तो एकाग्र रखता है ही साथ ही साथ योग हमारी आत्मा को भी शुध्द करता है। योग मनुष्य को अनेक बीमारियों से बचाता है और योग से हम कई बीमारियों का इलाज भी कर सकते हैं। असल में कहा जाए तो योग जीवन जीने का माध्यम है।

● श्रीमद्भागवत गीता में कई प्रकार के योगों का उल्लेख किया गया है। भगवद गीता का पूरा छठा अध्याय योग को समर्पित है। इस मे योग के तीन प्रमुख प्रकारों के बारे में बताया गया है। इसमें प्रमुख रूप से कर्म योग, भक्ति योग और ज्ञान योग का उल्लेख किया गया है। कर्म योग- कार्य करने का योग है। इसमें व्यक्ति अपने स्थिति के उचित और कर्तव्यों के अनुसार कर्मों का श्रद्धापूर्वक निर्वाह करता है। भक्ति योग- भक्ति का योग। भगवान् के प्रति भक्ति । इसे भावनात्मक आचरण वाले लोगों को सुझाया जाता है। और ज्ञान योग- ज्ञान का योग अर्थात ज्ञान अर्जित करने का योग। भगवत गीता के छठे अध्याय में बताये गए सभी योग जीवन का आधार हैं। इनके बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। भगवद्गीता में योग के बारे में बताया गया है कि – सिद्दध्यसिद्दध्यो समोभूत्वा समत्वंयोग उच्चते। अर्थात् दुःख-सुख, लाभ-अलाभ, शत्रु-मित्र, शीत और उष्ण आदि द्वन्दों में सर्वत्र समभाव रखना योग है। दुसरे शब्दों में कहा जाए तो योग मनुष्य को सुख-दुःख, लाभ-अलाभ, शत्रु-मित्र, शीत और उष्ण आदि परिस्थितिओं में सामान आचरण की शक्ति प्रदान करता है। भगवान् श्रीकृष्ण ने गीता में एक स्थल पर कहा है ‘योगः कर्मसु कौशलम’ अर्थात योग से कर्मो में कुशलता आती हैं। वास्तव में जो मनुष्य योग करता है उसका शरीर, मन और दिमाग तरोताजा रहता है। और मनुष्य प्रत्येक काम मन लगाकर करता है।

‘सूर्य नमस्कार’ व ‘ओम’ उच्चारण का कुछ संगठन विरोध करते रहे हैं। असल में कहा जाए तो ‘ओम’ शब्द योग के साथ जुड़ा हुआ है। इसे विवाद में तब्दील करना दुर्भागयपूर्ण है। लेकिन इसे हर किसी पर थोपा भी नहीं जा सकता। इसलिए योग करते समय लोगों को ‘ओम’ उच्चारण को अपनी धार्मिक मान्यता की आजादी के अनुसार प्रयोग करना चाहिए। अगर किसी का धर्म ओम उच्चारण की आजादी नहीं देता तो उन्हें बिना ओम जाप के योग करना चाहिए। लेकिन योग को किसी एक धर्म से जोडकर विवाद पैदा नहीं करना चाहिए। आज के समय में योग को भारत के जन-जन तक योग को पहुँचाने में  अनेकों महापुरुषों का अहम् योगदान है। इनके योग के क्षेत्र में योगदान की वजह से ही आज भारत के घर-घर में प्रतिदिन योग होता है।

भगवद्गीता के अनुसार – तस्माद्दयोगाययुज्यस्व योगः कर्मसु कौशलम। अर्थात् कर्त्व्य कर्म बन्धक न हो, इसलिए निष्काम भावना से अनुप्रेरित होकर कर्त्तव्य करने का कौशल योग है। योग को सभी लोगों को सकारात्मक भाव से लेना चाहिए। कोई भी धर्म-सम्प्रदाय योग की मनाही नहीं करता। इसलिए लोगों को योग को विवाद में नहीं घसीटना चाहिए। योग बुध्दि कुशग्र बनाता है और संयम बरतने की शक्ति देता है। योग की जितनी धार्मिक मान्यता है। उतना ही योग स्वस्थ्य शरीर के लिए जरूरी है। योग से शरीर तो स्वस्थ्य रहता है ही साथ ही साथ योग चिंता के भाव को कम करता है। और मनोबल भी मजबूत करता है। योग मानसिक शान्ति प्रदान करता है और जीवन के प्रति उत्साह और ऊर्जा का संचार करता है। योग मनुष्य में सकारात्मकता तो बढाता है ही, साथ ही साथ शरीर की प्रतिरोधक क्षमता भी बढाता है। इसलिए लोगों को इस तनाव भरे जीवन से मुक्ति पाने के लिए योग करना चाहिए। और दूसरे लोगों को भी प्रेरित करना चाहिए। जिससे कि अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ मिल सके।

Yoga vs Gym


एक्सरसाइज पर भारी पड़ा योग :

प्रतिष्ठित मैनेजमेंट कॉलेज आईआईएम की पत्रिका विकल्प में 2010 में योग पर एक लेख छपा था |
लेख में कहा गया है कि योग,शारीरिक व्यायाम से ज्यादा बेहतर है,योग करने वालों पर तनाव हावी नहीं होता है|
एक्सरसाइज करने वालों के साथ उल्टा होता है|
आईआईएम अहमदाबाद की पत्रिका विकल्प में छपा यह लेख एक निजी कंपनी के 84 अधिकारियों पर किए गए शोध पर आधारित है,शोध में ग्रासिम इंडस्ट्रीज के 84 अधिकारियों दो समूहों में बांटा गया,42 एक तरफ, 42 दूसरी तरफ|

एक ग्रुप को रोज 75 मिनट योग कराया गया.
दूसरे ग्रुप को इतने ही समय प्रतिदिन मशीनी और दूसरी तरह के शारीरिक व्यायाम कराए गए|शोध से पहले सभी प्रतिभागियों का ब्लड प्रेशर, शुगर और बॉडी मास इंडेक्स नापा गया. महीने भर तक चले प्रयोग के बाद आए नतीजों में योग हर तरह से व्यायाम पर भारी पड़ा.गुजरात के शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव हंसमुख अधिया कहते हैं, ''योग करने वाले समूह के तनाव का स्तर काफी गिर चुका था जबकि शारीरिक व्यायाम करने वालों के तनाव का स्तर बढ़ा.दफ्तर में उनकी मानसिक स्थिति पहले से ज्यादा तनावपूर्ण हो गई.''

शोध के मुताबिक बीमारियों की जड़ अक्सर दफ्तर से शुरू होती है.ऑफिस के तनाव का मानसिक और शारीरिक व्यवहार पर नकारात्मक असर पड़ता है.धीरे धीरे इसकी वजह से जीवनशैली बदलने लगती है और ब्लड प्रेशर, डिप्रेशन और शुगर जैसी बीमारियां होने लगती हैं.विकल्प के मुताबिक तनाव संबंधी बीमारियों के चलते हर साल अमेरिकियों को 300 अरब डॉलर इलाज पर खर्चने पड़ते हैं.

भारत के दफ्तरों में काम का तनाव कुछ कम नहीं है. योग से दफ्तर के तनाव को जोड़कर किया गया यह पहला शोध है. आईआईएम अहमदाबाद ने भारत के कॉरपोरेट जगत को सलाह दी है कि पैसे की खनखनाहट के बीच उन्हें योग की शांति में भी जाना चाहिए.
शोध में यह बात सामने आई कि आज कंपिनयों में कर्मचारी और अधिकारी जॉब बर्न आउट एवं तनाव से व्यापक रूप से प्रभावित हैं,जिसका दुष्परिणाम  यह है कि कंपनी की उत्पादन क्षमता और गुणवत्ता में गिरावट आती है,किसी भी संस्था,आफिस,कंपनी या कॉर्पोरेट जगत में कार्यरत लोग यदि मानसिक रूप से रुग्ण होंगे तो उनका शारीरिक स्वास्थ्य भी प्रभावित होगा जिससे वो अपना पूर्ण योगदान नहीं दे पाएंगे| परिणामस्व उनकी निर्णय लेनी की क्षमता,कार्य के प्रति दूरगामी सोच,भावी योजना का क्रियान्वयन, अपने अधिनस्थ कर्मचारियों के साथ सवांद,कार्य के प्रति निष्ठा एवं ईमानदारी आदि आदि पर परोक्ष या अपरोक्ष प्रभाव पड़ेगा | 

दूसरे ऐसे लोंगों का पारिवारिक जीवन भी प्रभावित होगा क्योंकि ये लोग कार्यलय में उपजी बीमारी से घर पर भी नहीं बच पाएंगे जिससे इनका घर पर किया आचरण इनकी धीरे धीरे खुशियों में ग्रहण लगाना शुरू कर देगा |
आईये योग विज्ञान को अपनी रोजाना की दिनचर्या में शामिल करके एक स्वस्थ, खुशहाल एवं प्रगतिशील राष्ट्र का निर्माण करने का संकल्प लेते हैं,कम से कम आधा घंटा तो अवस्य इस योग विधा से अपने को जोड़ने का नेक एवं पूण्य कर्म करने का नियम तो लेना ही होगा तब निश्चित रूप से  घर,समाज और राष्ट्र   स्वास्थ्य की पावन धारा से सिंचित होकर योग विज्ञान को एक बहुआयामी हथियार की तरह अपने जीवन का अभिन्न अंग बनाना सीख जाएंगे |

सर्वे भवन्तु सुखिनः।
सर्वे सन्तु निरामयाः।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु।
मा कश्चित् दुःख भाग्भवेत्॥
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः॥

World is always uncertain

जब तुम चेतना की निश्चितता को समझ लेते हो, तब तुम संसार की अनिश्चितता के साथ आराम से रह सकते हो। प्रायः व्यक्ति इसका बिल्कुल विपरीत करते हैं। वे संसार के प्रति तो निश्चित रहते हैं पर ईश्वर के प्रति अनिश्चित रहते हैं। जो अविश्वसनीय है, उस पर वे विश्वास करते हैं और फिर दुःखी हो जाते हैं। 

अनिश्चितता स्थिरता के लिए लालसा पैदा करती है और इस संसार में परम स्थायी है- आत्मा।

संसार परिवर्तनशील है, आत्मा अपरिर्वतनशील। तुम्हें अपरिवर्तनशीलता पर विश्वास रखना है और परिवर्तन को स्वीकार करना है। यदि तुम निश्चित हो कि सब-कुछ 'अनिश्चित' है, तब तुम मुक्त हो। अज्ञानता के कारण अनिश्चितता, तनाव और चिंता लाती है। 

सजगता के साथ अनिश्चितता, चेतना की उन्नत अवस्था और एक अटल मुस्कान लाती है !

#संसार

What is Yoga ?

Question - Gurudev, what is Yoga and how is a Yogi different from a common man/woman?

Gurudev Sri Sri Ravi Shankar ji  - Yoga is being established in your own nature. Pleasure always keeps you on your toes, it makes you run. First pleasure makes you run towards it and then it makes you run away from it. Yoga on the other hand makes you stay stable. It brings stability to your life. A yogi is one who is strong and stable in his body, mind and emotions. This is very important. If your emotions keep going up and down it is because you are running towards something. And what is that something that you are running towards? It is pleasure, and once you are there, it makes you run away from it. You can see in your life, whatever you ran towards, at some point or other, it pushes you away from it because you cannot handle it anymore. So all the people who at some point of time feel that ‘I want to run away’, you should know that it is because you are enjoying it. When you are enjoying something, you will definitely want to run away from it. So if you change that attitude of your mind from seeking pleasure to just being stable, then nothing becomes too much. You should feel, ‘I am here to give comfort to others, not seek comfort’. This one attitude will arrest that tendency of ‘Oh, this is too much, I want to run away’. Only enjoyment of pleasure will make you feel, ‘It is too much’. When you are stable, you always give what you can. The Sun never says, ‘I am shining too much and now I want to run away’. Gold never says, ‘I am glittering too much’, because it is stable in its nature. It has not gone out of its niche.

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ਮੁੱਖ ਪੰਨਾ @ ਯੋਗਾਨੁਰਾਗ
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 ਅੱਜ ਦੀ ਤਣਾਅ ਭਰੀ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਵਿਚ ਯੋਗਾ ਇੰਨਾ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਹੈ. ਅੱਜ ਹਰ ਕੋਈ ਯੋਗਾ ਦੇ ਫਾਇਦਿਆਂ ਤੋਂ ਜਾਣੂ ਹੈ. ਕਿਉਂਕਿ ਇਹ ਨਾ ਸਿਰਫ ਤੰਦਰੁਸਤ ਸਰੀਰ ਰੱਖਣ ਵਿਚ ਸਹਾਇਤਾ ਕਰਦਾ ਹੈ ਬਲਕਿ ਮਨ ਵਿਚ ਸ਼ਾਂਤੀ ਅਤੇ ਸੰਤੁਲਨ ਲਿਆਉਂਦਾ ਹੈ. ਜੋ ਅੱਜ ਦੀ ਜਿੰਦਗੀ ਵਿੱਚ ਇੰਨਾ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਹੈ, ਜਿਥੇ ਲੋਕਾਂ ਵਿੱਚ ਗੰਦੀ ਜੀਵਨ ਸ਼ੈਲੀ, ਆਰਥਿਕ ਅਤੇ ਹਾਣੀਆਂ ਦੇ ਦਬਾਅ, ਜੰਕ ਫੂਡ ਅਤੇ ਸਮੇਂ ਦੀ ਘਾਟ ਕਾਰਨ ਬਹੁਤ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹਮਲਾ, ਤਣਾਅ, ਤਣਾਅ ਹੁੰਦਾ ਹੈ.

ਯੋਗ: ਚਿਤ ਦਰਸਨ ਨਿਵਾਰਣ:॥ ਯੋਗ ਸਰੀਰਕ ਲਾਭ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਤੁਹਾਡੇ ਮਨ ਨੂੰ ਸੁਲਝਾਉਣ ਵਿਚ ਸਹਾਇਤਾ ਕਰਦਾ ਹੈ. ਤੁਸੀਂ ਯੋਗਾ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਆਪਣੀ ਪਿੱਠ ਦਰਦ ਤੋਂ ਛੁਟਕਾਰਾ ਪਾਉਣ ਲਈ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹੋ ਜਾਂ ਆਪਣਾ ਧਿਆਨ ਅਤੇ ਮਨ ਦੀ ਸ਼ਾਂਤੀ ਨੂੰ ਬਿਹਤਰ ਬਣਾ ਸਕਦੇ ਹੋ ਜਾਂ ਤੁਸੀਂ ਇਸ ਨੂੰ ਬ੍ਰਹਮ ਦੀ ਪੌੜੀ ਵਜੋਂ ਵਰਤ ਸਕਦੇ ਹੋ.

ਸਾਡੇ ਯੋਗਾ ਇੰਸਟ੍ਰਕਟਰ ਅਨੁਰਾਗ ਸ਼ਰਮਾ ਸਰਕਾਰੀ ਪ੍ਰਮਾਣਿਤ ਯੋਗਾ ਇੰਸਟ੍ਰਕਟਰ ਹਨ. ਉਹ 2001 ਤੋਂ ਨਿਯਮਿਤ ਤੌਰ ਤੇ ਯੋਗਾ ਅਤੇ ਸਿਮਰਨ ਦਾ ਅਭਿਆਸ ਕਰ ਰਿਹਾ ਹੈ ਅਤੇ 2011 ਤੋਂ ਪੜ੍ਹਾ ਰਿਹਾ ਹੈ. ਉਸਨੇ ਆਰਟ ਆਫ਼ ਲਿਵਿੰਗ, ਵਿਪਾਸਨਾ ਕੇਂਦਰ, ਪਤੰਜਲੀ, ਚੰਡੀਗੜ੍ਹ ਕਾਲਜ ਆਫ ਯੋਗਾ ਅਤੇ ਚੰਡੀਗੜ੍ਹ ਪ੍ਰਸ਼ਾਸਨ ਸਮੇਤ ਵੱਖ ਵੱਖ ਸੰਸਥਾਵਾਂ ਤੋਂ ਯੋਗਾ ਅਤੇ ਮੈਡੀਟੇਸ਼ਨ ਸਿੱਖੀ ਹੈ. ਉਸਨੇ ਖਰੜ ਅਤੇ ਮੁਹਾਲੀ ਦੇ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਸਰਕਾਰੀ ਸਕੂਲਾਂ ਅਤੇ ਨਿੱਜੀ ਕਾਲਜਾਂ ਵਿਚ ਯੋਗਾ ਅਤੇ ਮੈਡੀਟੇਸ਼ਨ ਸਿਖਾਈ ਹੈ. ਪੀਜੀਆਈ ਨਸ਼ਾ ਅਤੇ ਸ਼ਰਾਬ ਛੁਡਾ ਸ਼ਰਾਬ ਕੇਂਦਰ ਸਮੇਤ ਚੰਡੀਗੜ੍ਹ ਦੇ ਵੱਖ ਵੱਖ ਹਸਪਤਾਲਾਂ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਸਾਲ ਲਈ ਹਫਤਾਵਾਰੀ ਸੈਸ਼ਨ ਵੀ ਕਰਵਾਏ ਗਏ। ਉਹ ਸਮੇਂ ਸਮੇਂ ਤੇ ਵੱਖ ਵੱਖ ਐਮ ਐਨ ਸੀਜ਼ ਵਿੱਚ ਕਰਮਚਾਰੀਆਂ ਲਈ ਕਾਰਪੋਰੇਟ ਸੈਸ਼ਨ ਵੀ ਕਰਵਾਉਂਦਾ ਹੈ.

ਹਰ ਸਾਲ ਉਹ ਚੰਡੀਗੜ੍ਹ ਪ੍ਰਸ਼ਾਸਨ ਲਈ ਮਾਸਟਰ ਯੋਗਾ ਟ੍ਰੇਨਰ ਵਜੋਂ ਵੀ ਕੰਮ ਕਰਦਾ ਹੈ, ਜੋ ਕਿ ਚੰਡੀਗੜ੍ਹ ਵਿਖੇ ਅੰਤਰਰਾਸ਼ਟਰੀ ਯੋਗ ਦਿਵਸ ਸਮਾਰੋਹ ਲਈ ਹਿੱਸਾ ਲੈਣ ਵਾਲਿਆਂ ਨੂੰ ਤਿਆਰ ਕਰਦਾ ਹੈ. ਇਸ ਵੇਲੇ ਉਹ ਖਰੜ ਅਤੇ ਆਸ ਪਾਸ ਦੀਆਂ ਰਿਹਾਇਸ਼ੀ ਸੁਸਾਇਟੀਆਂ ਵਿੱਚ ਨਿਯਮਿਤ ਯੋਗਾ ਸੈਸ਼ਨ ਲੈ ਰਿਹਾ ਹੈ. ਵਧੇਰੇ ਜਾਣਕਾਰੀ ਲਈ ਵਟਸਐਪ ਜਾਂ ਉਸਨੂੰ +91 62832 66268 'ਤੇ ਕਾਲ ਕਰੋ. 

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हम नियमित रूप से योग और ध्यान सत्र आयोजित कर रहे हैं और 2011 से लगातार गूगल खोज में 5 स्टार रेटिंग प्राप्त कर रहे हैं । हमारे सत्र या किसी अन्य जांच में शामिल होने के लिए 

निम्नलिखित विकल्प उपलब्ध हैं:
ऑनलाइन सत्र  जो आप दुनिया में कहीं भी कभी भी ले सकते हैं। आपको अपने फोन को छोड़कर इसके लिए ज्यादा आवश्यकता नहीं है। कई देशों में कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन के दौरान विशेष रूप से उपयोगी है।  खार और आसपास के विभिन्न स्थानों पर
समूह सत्र नियमित रूप से चल रहे हैं। आप वहां शामिल हो सकते हैं या अपने समाज, क्षेत्र में अपना खुद का समूह बना सकते हैं।  
व्यक्तिगत गृह सत्र व्यक्तिगत ध्यान और विशिष्ट आवश्यकताओं के साथ अपने निवास के आराम में।  
कॉर्पोरेट सत्र  अपने कर्मचारियों की भलाई के लिए हमारे पास कई कंपनियों के साथ इस तरह के सत्र आयोजित करने का अनुभव है।
इसके अलावा हमारे पास स्कूल, कॉलेज और नशामुक्ति केंद्रों में सत्र आयोजित करने का भी अनुभव है।

आप हमें हमें फ़ॉलो या मैसेज कर सकते हैं :

हम   आवश्यकता होने पर जल नीती  और अन्य शत कर्मों के अलावा सत्र में नियमित रूप से  ध्यान, प्राणायाम भी सिखाते हैं  । सुबह और शाम दोनों समय सत्र चल रहा है। सप्ताह में इसके 5 दिन। प्रत्येक सत्र की अवधि 40-45 मिनट है। दूरी, समय स्लॉट और समूह के आकार के आधार पर मासिक शुल्क उचित है। कुछ स्थानों पर जमुना अपार्टमेंट, टीडीआई वेलिंगटन हाइट्स, सनी एन्क्लेव, शिवालिक शहर, एसबीपी घर, एक्मे हाइट्स आदि हैं। नवीनतम स्थानों या अन्य विवरणों को जानने के लिए, आप हमें व्हाट्सएप  या +91 62832 66268 पर कॉल कर सकते हैं ।

आज के तनाव भरे जीवन में योग कितना प्रासंगिक है। योग के फायदों से आज हर कोई वाकिफ है। के रूप में यह न केवल स्वस्थ शरीर होने में मदद करता है बल्कि मन में शांति और संतुलन भी लाता है। जो आज के जीवन में इतना प्रासंगिक है, जहां लोगों के पास आक्रामकता, जीवन शैली, आर्थिक और सहकर्मी दबाव, जंक फूड और समय की कमी के कारण इतनी आक्रामकता, तनाव, तनाव है।

योग: चित्त वृत्ति निरोध:॥ योग शारीरिक लाभ के अलावा आपके दिमाग को शांत करने में मदद करता है। आप अपनी पीठ दर्द से छुटकारा पाने के लिए योग का उपयोग कर सकते हैं या अपने ध्यान और मन की शांति में सुधार कर सकते हैं या आप इसे परमात्मा की सीढ़ी के रूप में उपयोग कर सकते हैं।

हमारे योग प्रशिक्षक अनुराग शर्मा सरकारी प्रमाणित योग प्रशिक्षक हैं। वह 2001 से नियमित रूप से योग और ध्यान का अभ्यास कर रहे हैं और 2011 से अध्यापन कर रहे हैं। उन्होंने आर्ट ऑफ लिविंग, विपासना केंद्र, पतंजलि, चंडीगढ़ कॉलेज ऑफ योग और चंडीगढ़ प्रशासन सहित विभिन्न संगठनों से योग और ध्यान सीखा है। उन्होंने खार और मोहाली के विभिन्न सरकारी स्कूलों और निजी कॉलेजों में योग और ध्यान सिखाया है। साथ ही चंडीगढ़ के विभिन्न अस्पतालों में पीजीआई ड्रग एंड अल्कोहल डे एडिक्शन सेंटर सहित एक वर्ष के लिए साप्ताहिक सत्र आयोजित किए गए। वह विभिन्न बहुराष्ट्रीय कंपनियों में समय-समय पर कर्मचारियों के लिए कॉर्पोरेट सत्र आयोजित करता है।

हर साल वह चंडीगढ़ में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम के लिए प्रतिभागियों को तैयार करने के लिए मास्टर योग ट्रेनर के रूप में चंडीगढ़ प्रशासन के लिए भी काम करता है। वर्तमान में वह खार और आसपास के आवासीय समाजों में नियमित योग सत्र ले रहे हैं। अधिक जानकारी के लिए व्हाट्सएप या उसे +91 62832 66268 पर कॉल करें। 

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 ਅੱਜ ਦੀ ਤਣਾਅ ਭਰੀ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਵਿਚ ਯੋਗਾ ਇੰਨਾ relevant ੁਕਵਾਂ ਹੈ. ਅੱਜ ਹਰ ਕੋਈ ਯੋਗਾ ਦੇ ਫਾਇਦਿਆਂ ਤੋਂ ਜਾਣੂ ਹੈ. ਕਿਉਂਕਿ ਇਹ ਨਾ ਸਿਰਫ ਤੰਦਰੁਸਤ ਸਰੀਰ ਰੱਖਣ ਵਿਚ ਸਹਾਇਤਾ ਕਰਦਾ ਹੈ ਬਲਕਿ ਮਨ ਵਿਚ ਸ਼ਾਂਤੀ ਅਤੇ ਸੰਤੁਲਨ ਲਿਆਉਂਦਾ ਹੈ. ਜੋ ਅੱਜ ਦੀ ਜਿੰਦਗੀ ਵਿੱਚ ਇੰਨਾ relevantੁਕਵਾਂ ਹੈ, ਜਿਥੇ ਲੋਕਾਂ ਵਿੱਚ ਗੰਦੀ ਜੀਵਨ ਸ਼ੈਲੀ, ਆਰਥਿਕ ਅਤੇ ਹਾਣੀਆਂ ਦੇ ਦਬਾਅ, ਜੰਕ ਫੂਡ ਅਤੇ ਸਮੇਂ ਦੀ ਘਾਟ ਕਾਰਨ ਬਹੁਤ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹਮਲਾ, ਤਣਾਅ, ਤਣਾਅ ਹੁੰਦਾ ਹੈ.

ਯੋਗ: ਚਿਤ ਦਰਸਨ ਨਿਵਾਰਣ:॥ ਯੋਗ ਸਰੀਰਕ ਲਾਭ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਤੁਹਾਡੇ ਮਨ ਨੂੰ ਸੁਲਝਾਉਣ ਵਿਚ ਸਹਾਇਤਾ ਕਰਦਾ ਹੈ. ਤੁਸੀਂ ਯੋਗਾ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਆਪਣੀ ਪਿੱਠ ਦਰਦ ਤੋਂ ਛੁਟਕਾਰਾ ਪਾਉਣ ਲਈ ਕਰ ਸਕਦੇ ਹੋ ਜਾਂ ਆਪਣਾ ਧਿਆਨ ਅਤੇ ਮਨ ਦੀ ਸ਼ਾਂਤੀ ਨੂੰ ਬਿਹਤਰ ਬਣਾ ਸਕਦੇ ਹੋ ਜਾਂ ਤੁਸੀਂ ਇਸ ਨੂੰ ਬ੍ਰਹਮ ਦੀ ਪੌੜੀ ਵਜੋਂ ਵਰਤ ਸਕਦੇ ਹੋ.

ਸਾਡੇ ਯੋਗਾ ਇੰਸਟ੍ਰਕਟਰ ਅਨੁਰਾਗ ਸ਼ਰਮਾ ਸਰਕਾਰੀ ਪ੍ਰਮਾਣਿਤ ਯੋਗਾ ਇੰਸਟ੍ਰਕਟਰ ਹਨ. ਉਹ 2001 ਤੋਂ ਨਿਯਮਿਤ ਤੌਰ ਤੇ ਯੋਗਾ ਅਤੇ ਸਿਮਰਨ ਦਾ ਅਭਿਆਸ ਕਰ ਰਿਹਾ ਹੈ ਅਤੇ 2011 ਤੋਂ ਪੜ੍ਹਾ ਰਿਹਾ ਹੈ. ਉਸਨੇ ਆਰਟ ਆਫ਼ ਲਿਵਿੰਗ, ਵਿਪਾਸਨਾ ਕੇਂਦਰ, ਪਤੰਜਲੀ, ਚੰਡੀਗੜ੍ਹ ਕਾਲਜ ਆਫ ਯੋਗਾ ਅਤੇ ਚੰਡੀਗੜ੍ਹ ਪ੍ਰਸ਼ਾਸਨ ਸਮੇਤ ਵੱਖ ਵੱਖ ਸੰਸਥਾਵਾਂ ਤੋਂ ਯੋਗਾ ਅਤੇ ਮੈਡੀਟੇਸ਼ਨ ਸਿੱਖੀ ਹੈ. ਉਸਨੇ ਖਰੜ ਅਤੇ ਮੁਹਾਲੀ ਦੇ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਸਰਕਾਰੀ ਸਕੂਲਾਂ ਅਤੇ ਨਿੱਜੀ ਕਾਲਜਾਂ ਵਿਚ ਯੋਗਾ ਅਤੇ ਮੈਡੀਟੇਸ਼ਨ ਸਿਖਾਈ ਹੈ. ਪੀਜੀਆਈ ਨਸ਼ਾ ਅਤੇ ਸ਼ਰਾਬ ਛੁਡਾ alcohol ਕੇਂਦਰ ਸਮੇਤ ਚੰਡੀਗੜ੍ਹ ਦੇ ਵੱਖ ਵੱਖ ਹਸਪਤਾਲਾਂ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਸਾਲ ਲਈ ਹਫਤਾਵਾਰੀ ਸੈਸ਼ਨ ਵੀ ਕਰਵਾਏ ਗਏ। ਉਹ ਸਮੇਂ ਸਮੇਂ ਤੇ ਵੱਖ ਵੱਖ ਐਮ ਐਨ ਸੀਜ਼ ਵਿੱਚ ਕਰਮਚਾਰੀਆਂ ਲਈ ਕਾਰਪੋਰੇਟ ਸੈਸ਼ਨ ਵੀ ਕਰਵਾਉਂਦਾ ਹੈ.

ਹਰ ਸਾਲ ਉਹ ਚੰਡੀਗੜ੍ਹ ਪ੍ਰਸ਼ਾਸਨ ਲਈ ਮਾਸਟਰ ਯੋਗਾ ਟ੍ਰੇਨਰ ਵਜੋਂ ਵੀ ਕੰਮ ਕਰਦਾ ਹੈ, ਜੋ ਕਿ ਚੰਡੀਗੜ੍ਹ ਵਿਖੇ ਅੰਤਰਰਾਸ਼ਟਰੀ ਯੋਗ ਦਿਵਸ ਸਮਾਰੋਹ ਲਈ ਹਿੱਸਾ ਲੈਣ ਵਾਲਿਆਂ ਨੂੰ ਤਿਆਰ ਕਰਦਾ ਹੈ. ਇਸ ਵੇਲੇ ਉਹ ਖਰੜ ਅਤੇ ਆਸ ਪਾਸ ਦੀਆਂ ਰਿਹਾਇਸ਼ੀ ਸੁਸਾਇਟੀਆਂ ਵਿੱਚ ਨਿਯਮਿਤ ਯੋਗਾ ਸੈਸ਼ਨ ਲੈ ਰਿਹਾ ਹੈ. ਵਧੇਰੇ ਜਾਣਕਾਰੀ ਲਈ ਵਟਸਐਪ ਜਾਂ ਉਸਨੂੰ +91 62832 66268 'ਤੇ ਕਾਲ ਕਰੋ. 

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हम नियमित रूप से योग और ध्यान सत्र आयोजित कर रहे हैं और 2011 से लगातार Google खोज में 5 स्टार रेटिंग प्राप्त कर रहे हैं । हमारे सत्र या किसी अन्य जांच में शामिल होने के लिए


निम्नलिखित विकल्प उपलब्ध हैं:
ऑनलाइन सत्र  जो आप दुनिया में कहीं भी कभी भी ले सकते हैं। आपको अपने फोन को छोड़कर इसके लिए ज्यादा आवश्यकता नहीं है। कई देशों में कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन के दौरान विशेष रूप से उपयोगी है।  खार और आसपास के विभिन्न स्थानों पर
समूह सत्र नियमित रूप से चल रहे हैं। आप वहां शामिल हो सकते हैं या अपने समाज, क्षेत्र में अपना खुद का समूह बना सकते हैं।  व्यक्तिगत ध्यान और विशिष्ट आवश्यकताओं के साथ अपने निवास के आराम में
व्यक्तिगत गृह सत्र ।  अपने कर्मचारियों की भलाई के लिए
कॉर्पोरेट सत्र । हमारे पास कई कंपनियों के साथ इस तरह के सत्र आयोजित करने का अनुभव है।
इसके अलावा हमारे पास स्कूल, कॉलेज और नशामुक्ति केंद्रों में सत्र आयोजित करने का भी अनुभव है।

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हम   आवश्यकता होने पर जल नीती  और अन्य शत कर्मों के अलावा सत्र में नियमित रूप से  ध्यान, प्राणायाम भी सिखाते हैं  । सुबह और शाम दोनों समय सत्र चल रहा है। सप्ताह में इसके 5 दिन। प्रत्येक सत्र की अवधि 40-45 मिनट है। दूरी, समय स्लॉट और समूह के आकार के आधार पर मासिक शुल्क उचित है। कुछ स्थानों पर जमुना अपार्टमेंट, टीडीआई वेलिंगटन हाइट्स, सनी एन्क्लेव, शिवालिक शहर, एसबीपी घर, एक्मे हाइट्स आदि हैं। नवीनतम स्थानों या अन्य विवरणों को जानने के लिए, आप हमें WhatsApp पर कॉल कर सकते हैं या +91 62832 66268 पर कॉल कर सकते हैं 

 आज के तनाव भरे जीवन में योग कितना प्रासंगिक है। योग के फायदों से आज हर कोई वाकिफ है। के रूप में यह न केवल स्वस्थ शरीर होने में मदद करता है बल्कि मन में शांति और संतुलन भी लाता है। जो आज के जीवन में इतना प्रासंगिक है, जहां लोगों के पास आक्रामकता, जीवन शैली, आर्थिक और सहकर्मी दबाव, जंक फूड और समय की कमी के कारण इतनी आक्रामकता, तनाव, तनाव है।

योग: चित्त वृत्ति निरोध: त्ति योग शारीरिक लाभ के अलावा आपके दिमाग को शांत करने में मदद करता है। आप अपनी पीठ दर्द से छुटकारा पाने के लिए योग का उपयोग कर सकते हैं या अपने ध्यान और मन की शांति में सुधार कर सकते हैं या आप इसे परमात्मा की सीढ़ी के रूप में उपयोग कर सकते हैं।

हमारे योग प्रशिक्षक अनुराग शर्मा सरकारी प्रमाणित योग प्रशिक्षक हैं। वह 2001 से नियमित रूप से योग और ध्यान का अभ्यास कर रहे हैं और 2011 से अध्यापन कर रहे हैं। उन्होंने आर्ट ऑफ लिविंग, विपासना केंद्र, पतंजलि, चंडीगढ़ कॉलेज ऑफ योग और चंडीगढ़ प्रशासन सहित विभिन्न संगठनों से योग और ध्यान सीखा है। उन्होंने खार और मोहाली के विभिन्न सरकारी स्कूलों और निजी कॉलेजों में योग और ध्यान सिखाया है। साथ ही चंडीगढ़ के विभिन्न अस्पतालों में पीजीआई ड्रग एंड अल्कोहल डे एडिक्शन सेंटर सहित एक वर्ष के लिए साप्ताहिक सत्र आयोजित किए गए। वह विभिन्न बहुराष्ट्रीय कंपनियों में समय-समय पर कर्मचारियों के लिए कॉर्पोरेट सत्र आयोजित करता है।

हर साल वह चंडीगढ़ में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम के लिए प्रतिभागियों को तैयार करने के लिए मास्टर योग ट्रेनर के रूप में चंडीगढ़ प्रशासन के लिए भी काम करता है। वर्तमान में वह खार और आसपास के आवासीय समाजों में नियमित योग सत्र ले रहे हैं। अधिक जानकारी के लिए व्हाट्सएप या उसे +91 62832 66268 पर कॉल करें। 

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